डॉ. रोहिणी अग्रवाल हिंदी की प्रखर समीक्षक हैं. मेरे उपन्यास 'पहचान' की समीक्षा उन्होंने लिखी जो 'जनपथ' में छपी है
वैश्विक आर्थिक उठापटक, देश में तेज़ी से बदलते सामाजिक और राजनितिक हालात, इंसानी रिश्तों में बढ़ता खोखलापन इस तरह से हावी हुआ कि उपन्यास पहचान की नींव पड़ी. युनुस का चरित्र आकार लेने लगा...